पुलवामा हमले के बाद लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर बड़ा निर्णय
रतलाम। पुलवामा हमले के बाद रोज ही नए कडे़ निर्णय हो रहे है। लोकसभा चुनाव को लेकर भी एक बड़ा निर्णय होने वाला है। ये निर्णय आदिवासी समाज लेने वाला है। एक तरफ जहां समाज का हर वर्ग सरकार से इस हमले के बाद कडे़ निर्णय लेने की बात कर रहा है, दूसरी तरफ जयस याने की जय आदिवासी संगठन लोकसभा चुनाव के मामले में 19 फरवरी को एक बड़ा निर्णय लेने जा रहा है।
आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर जहां कांगे्रस व भाजपा ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है, वही जय आदिवासी संगठन जयस भी इसमें अब पीछे नहीं है। जयस ने इसके लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। आगामी १९ फरवरी को थांदला विधानसभा के चांपाखेर में इसके लिए संसदीय सीट की आठ विधानसभा के प्रभारी व प्रमुख पदाधिकारियों की बड़ी बैठक रखी गई है। इस बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ी रणनीति बनेगी।
ये हुआ विधानसभा चुनाव में
बता दे कि दो माह पूर्व हुए विधानसभा के चुनाव में आठ में से चार सीट पर कांगे्रस तो चार पर भाजपा का दबदबा रहा है। झाबुआ व अलीराजपुर में तो भाजपा के खाते में सिर्फ एक ही सीट आई है। एेसे में जयस ये योजना बना रही है कि वो दोनों दल पर दबाव बनाए जिससे उनको लोकसभा चुनाव में गठबंधन किसी दल से हो सके। असल में विधानसभा चुनाव में कांगे्रस को कुल 535786 तो भाजपा को 508795 वोट मिले।
कांगे्रस रही भाजपा से आगे
इसमे कांगे्रस 26991 वोट से संसदीय सीट पर आगे रही। सैलाना की बात करें तो यहां पर जयस के कमलेश डोडियार ने 18260 वोट प्राप्त तो किए, लेकिन वे कांगे्रस की राह में रोड़ा नहंी बन सके। इसके उलट झाबुआ में जेवियर मेड़ा के व जोबट में विशाल रावत व थांदला मंे भाजपा के बागी दिलीप कटारा के खडे़ होने से नुकसान तो दलों को हुआ, लेकिन जयस को सीधे तौर पर कोई लाभ नहीं हुआ।
भाजपा नेताओं से चर्चा
बता दे कि जयस के एक बडे़ नेता ने पिछले दिनों इंदौर जाकर भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में धार, खरगोन, रतलाम झाबुआ जैसी सीट पर आदिवासी बाहुल मतदाता होने का दावा करते हुए जयस से गठबंधन की बात की थी। फिलहाल भाजपा ने इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। इन सब के बीच 19 फरवरी को होने वाली बैठक में लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी के रुप में किसको खड़ा करना, गठबंधन करना आदि मामलों पर बात होगी।
चर्चा के लिए दरवाजे खुले
सिर्फ भाजपा ही क्यों, हमारे दरवाजे सभी दल के साथ चर्चा के लिए खुले हुए है। १९ फरवरी की बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव के संबंध में अनेक निर्णय लिए जाएंगे।
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